फतेहपुर _मौसम पूर्वानुमान ( वैधता : दिनांक 21 अक्टूबर, 2023 से 25 अक्टूबर , 2023 तक)
भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आगामी 5 दिनों में फतेहपुर जिले में मौसम साफ़ रहेगा, जिसके कारण बारिश की कोई संभावना नहीं हैं । अधिकतम तापमान 30.0 से 32.0 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहेगा जबकि न्यूनतम तापमान 16.0 से 17.0 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहेगा । हवा की दिशा अधिकतर उत्तर-पूर्वी से दक्षिण पूर्वी रहेगी और हवा की गति सामान्य बने रहने की संभावना हैं ।
किसानों को सलाह है कि वे धान, मक्का, तिल आदि की पकी हुई फसलों की कटाई एवं मड़ाई कर अनाज को संरक्षित कर लें । सरसों, चना, मटर एवं आलू आदि की बुआई का कार्य कर सकते हैं । रबी मौसम में बोई जाने वाली फसलें जैसे चना , मटर, मसूर, सरसों एवं अलसी आदि की बुआई बीजोपचार के बाद ही करनी चाहिए । पशुओं को सुबह-शाम नहलाएं, छायादार स्थान पर रखें, पानी दें 3-4 बार । कीटनाशकों, शाकनाशियों और खरपतवारनाशकों के लिए, उपकरणों को धोने के लिए केवल साफ पानी का उपयोग करें और हवा की विपरीत दिशा में खड़े होकर कीटनाशकों, कीटनाशकों और खरपतवारनाशकों का छिड़काव न करें । छिड़काव शाम को करना चाहिए; यदि संभव हो तो छिड़काव के बाद, खाने से पहले और कपड़े धोने के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए ।
फ़सल संबंधित सलाह
✓ धान की फसल पकने पर खेत से पानी निकाल दें । फसल की कटाई तब करें जब बालियां 80 प्रतिशत सुनहरे रंग की दिखने लगें और कटाई के बाद बालों को धूप में सुखा लें तथा मौसम साफ होने पर मड़ाई का कार्य करें । वर्तमान मौसम कीटों के लिए अनुकूल है, अतः धान की फसल में फूल आने के बाद औसतन 2 - 3 गंधी कीट/हिल दिखाई देते हैं, तो इसके नियंत्रण के लिए इमिडाकोलोरोप्रिड 17. 8% एसएल 350 मिली/हेक्टेयर या बुरफोजिन 25% एसपी 750 मि.ली./हेक्टेयर की दर से 500 -600 लीटर पानी में घोल बनाकर मौसम साफ होने पर छिड़काव करें ।
✓ मूंगफली तभी खोदें जब छिलके के ऊपर नसें उभर आएं और भीतरी भाग भूरे रंग का हो जाए तथा मूंगफली का दाना गुलाबी हो जाए । मूंगफली की फसल में सफेद गिडार/दीमक कीट का प्रकोप होने की संभावना है । इसलिए साफ मौसम में फिप्रोनिल 0.3% जीआर 20 किग्रा/हेक्टेयर की दर से टॉपड्रेसिंग करें ।
✓ तोरिया की अनुशंसित प्रजातियाँ - टा-9, भवानी, पीटी303 आदि में से किसी एक प्रजाति की बुआई हेतु वर्षा न होने की स्थिति में 3-4 किलोग्राम बीज/हेक्टेयर की दर से उर्वरक एवं बीज की व्यवस्था कर बुआई कार्य करें ।
✓ राई/सरसों की किसी भी किस्म की बुआई के लिए अनुशंसित प्रजातियाँ- बरुना, रोहिणी, नरेन्द्र राय- 8501, माया, वैभव आदि की बुआई 4-5 किलोग्राम बीज/हेक्टेयर की दर से करनी चाहिए । वर्षा की संभावना को देखते हुए बुआई का कार्य स्थगित रखें ।
✓ उर्द/मूंग की पकी फसलों की कटाई एवं मड़ाई के लिए मौसम अनुकूल है । उड़द/मूंग की फसल में तने में फली छेदक कीट का प्रकोप होने की संभावना रहती है, अतः रोकथाम के लिए 5% निबौली या क्यूनालफास 25 ईसी 1.25 लीटर/हेक्टेयर की दर से 500-600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें । छिड़काव साफ मौसम में करना चाहिए ।
✓ टमाटर, प्याज, फूलगोभी और पत्तागोभी की नर्सरी डालें और तैयार पौधों को मेड़ों पर रोपें । यदि सब्जी की फसलों में फल छेदक/पत्ती छेदक कीट का प्रकोप दिखाई दे तो इसके नियंत्रण के लिए नीम के तेल को 1.5 मिली/लीटर पानी में घोल बनाकर 8-10 दिन के अंतराल पर 3-4 छिड़काव करें । सब्जी मटर, मूली, गाजर, सौंफ, अजवाइन, चुकंदर, लहसुन, धनिया, पालक, सोया और मेथी की बुआई शुरू करें । आलू की बुआई के लिए खेत तैयार करें ।
✓ आलू की बुआई के लिए खेत तैयार करें । आलू की फसल में चेचक रोग की रोकथाम के लिए नियंत्रण के लिए 10 लीटर पानी में 100 ग्राम स्ट्रेप्टो साइक्लिन या बोरिक एसिड मिलाकर बीजों पर छिड़काव करना चाहिए तथा अंकुरित बीजों को उपचारित नहीं करना चाहिए । आलू की अगेती किस्मों - कुफरी अशोक, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी जवाहर आदि की बुआई स्थगित करें ।
पशुपलन
✓ किसानों को सलाह दी जाती है कि गर्भवती भैंसों/गायों को ढलान पर न बांधें, गर्भवती भैंसों/गायों को पौष्टिक चारा खिलाएं तथा नवजात बच्चे को तीन दिन तक दूध पिलाएं । मक्खी-मच्छरों से बचाव के लिए पशुओं को साफ-सुथरी जगह पर रखें तथा धुंआ दें । पशुओं में मुंहपका रोग की रोकथाम के लिए टीकाकरण कराएं । इस रोग से पीड़ित पशुओं को अपने घावों को पोटैशियम परमैंगनेट से धोना चाहिए । पशुओं को हरे व सूखे चारे के साथ पर्याप्त मात्रा में अनाज दें । तालाबों या अन्य स्थानों का रुका हुआ पानी न दें, इससे पशुओं को लिवर फ्लू और पेट में कीड़े होने का खतरा रहता है । पशुओं को दिन में 3-4 बार साफ एवं ताजा पानी अवश्य पिलायें ।
वसीम खान
विषय वस्तु विशेषज्ञ
कृषि मौसम विज्ञान
कृषि विज्ञान केंद्र, फतेहपुर